रुद्र चालीसा: शक्ति, शांति और सफलता पाने के लिए सरल उपाय | Rudra Chalisa

रूद्र चालीसा

श्री रुद्र चालीसा

॥दोहा॥
श्री गणेशाय नमः
नमन करूँ रुद्राय को, करुणा सिंधु कृपाल।
शंकर सुख संपत्ति दाता, संकट हरनेहारी॥

चौपाई
जय जय जय रुद्र अविनाशी,
करुणा सिंधु कृपा के वासी।

त्रिनयन धारी, त्रिशूल सुहावे,
अर्धचंद्र मस्तक पर छावे।

गंगा धार, जटा के अंदर,
कंठ में शोभे विष सुंदर।

नंदी पर विराजत भवानी,
संग महाकाल की वाणी।

त्रिपुरारी जग पालन हारा,
काल से जो जग को तारा।

अंतर्यामी, विश्व विधाता,
ब्रह्मा, विष्णु, शिव जग त्राता।

योगीश्वर महादेव निराला,
हरहु भक्तन का दुख भारी।

डमरू बजावत, भूत पिशाच,
शिव चरणों में रहत सुभाष।

रुद्राक्ष की माला मन भावे,
शिव का तेज, जगत न झेलावे।

कैलाशपति, भोलानाथ,
संकट हरन, कृपा के साथ।

करो कृपा हे नीलकंठा,
जीवन संकट दूर हटाओ।

सत्य ही सुंदर तव वाणी,
भस्म रमायो रूप दिवानी।

महाकाल के महिमा न्यारी,
सकल सिद्धि के तुम अधिकारी।

दुष्ट दलन, दीनदयाला,
जो कोई तेरा नाम संभाला।

शिव का नाम जो नर ध्यावे,
भवसागर से पार वो पावे।

गंगाजल से जो अभिषेक करे,
जन्म-जन्म के पाप हरे।

नागराज मणि शोभा पाए,
सर्पों को भी शिव अपनाए।

ब्रह्मा, विष्णु, शिव गुण गावे,
सुर नर मुनि सब शीश नवाए।

चंद्रशेखर जय जय देवा,
संकट हरहु, दीनन सेव।

शिवतांडव जब जब होई,
प्रलयकाल तब तब संजोई।

हर हर महादेव गगन गुंजावे,
पृथ्वी का हर संकट मिटावे।

शिव योगीश्वर दीनदयाला,
करहु दया हम पर कृपाला।

भूत पिशाच निकट नहिं आवे,
महाकाल का नाम सुनावे।

अन्नपूर्णा संग विराजे,
भक्तन को सब सुख दिलवाए।

दूध-दही से अभिषेक कराए,
जीवन के हर संकट जाए।

शिवलिंग पूजन सब फल लाए,
दुख-संताप सब दूर कराए।

शिव के ध्यान से नाश पाप का,
भागे भय संकट संताप का।

रुद्र रूप जब कृपा बरसावे,
हर हर महादेव सब सुख पावे।

शिव मंत्र जो सुमिरन करै,
भवबंधन से मुक्त वो तरै।

त्रिशूलधारी कृपा दिखावे,
भक्तन को शिव अपनावे।

कैलासपति जग पालन हारा,
शिव महिमा अपार तुम्हारा।

सुख-दुख में जो शिव को ध्यावे,
अमृत तुल्य जीवन वो पावे।

शिव शंकर की ज्योति जलाओ,
भवसागर से पार कराओ।

त्रिगुण रूप शिव त्रिपुरारी,
करुणासागर सब सुखकारी।

नाथ कृपा कर भक्तन पर,
चढ़े भक्ति की सीढ़ी पर।

करहु दया दीनदयाला,
सब संकट हरहु कृपाला।

ध्यान करे जो नर नारी,
भवसागर से तर जाए सारी।

शिव कृपा से कष्ट मिटाए,
हर हर महादेव जो गुन गाए।

जय हो देवाधिदेव शिव,
संकट हरो कृपालु सदाशिव।

शिव महिमा अपरम्पार,
भक्तन के तुम पालनहार।

॥दोहा॥
रुद्र चालीसा जो पढ़े, श्रद्धा भाव से गाए।
सकल मनोरथ सिद्धि हो, अंत शिव धाम में जाए॥

रुद्र स्वरूप

भक्ति धाम में पाएं सभी मंगलमय चालीसा का संग्रह।

श्री रुद्र चालीसा रचिता संपूर्ण माहिती :

रचिता नाम:महर्षि वेद व्यास
शिव चालीसा:शिव चालीसा को शिव पुराण से लिया गया है, जिसमें 40 पंक्तियाँ हैं जो भगवान शिव की स्तुति करती हैं |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *